गढ़वाल के लोक नृत्य

गढ़वाली चित्र शैली के  उन्नायक  मुकंदी लाल स्मृति ग्रन्थ (1986

 डा नौटियाल ने निम्न नृत्यों की सूचना 1986 में दी थी और अपनी पुस्तक गढ़वाल के लोक नृत्य व गीत में भी इन नृत्यों  को सूची बढ़ किया था। 

  (अ ) धार्मिक  नृत्य 

अ -  - विशुद्ध देवी देवताओं के जागर लोक नृत्य व गीत  - ऐसे नृत्य चालीस से ऊपर हैं - यथा १- निरंकार (विष्णु ) जागर , २- निरंकार , ३- नरसिंग  दुध्या जागर नृत्य , ४- नागरजा ५ -क्षेत्रीय स्तर पदेव जागर नृत्य , ६- शिव के अनेक जागर नृत्य७-  देवी के अनेक जागर नृत्य गीत ८- प्रत्येक भैरव अपने अपने जागर  नृत्य गीत 

आ- - पांडव , कौरव संबंधी नृत्य १ -कुंती बजा नृत्य , २- युधिस्टर बजा नृत्य ३- भीम बाजा नृत्य ४- अर्जुन बाजा गीत ५- द्रौपदी बाजा नृत्य  ६ -सहदेव बाजा नृत्य , ७- नकुल बाजा नृत्य व् गीत इसके अतिरिक्त जौनसार में ८- दुर्योधन बजाजा नृत्य  व ९- कर्ण  संबंधी नृत्य  होते ह है  

इ -मृत आत्मा शांति नृत्य गीत - १= घर्या बहुत जागर नृत्य , २- हंत्या  भूत नृत्य गीत ३- ब्युंराळ ४-  क्षेत्रीय स्तर पर सती नृत्य ५- सय्यद नित्य  ६ -घात नृत्य ७- छळया भूत नृत्य,  इसी तरह बगड्वाळी 

ई -रणभूत -  १- कैंतुरा रणभूत नृत्य २- राणा रौत रणभूत ३- रौतेली रणभूत , पोखरियाल रणभूत ४-कुमयां भूत , ५ सरजू कौंळ 

ब १ - सामजिक १- थड्या २- चौंफूळा ३- मयूर , ४ वसंती ५-होली ६- खुदेड़ ७- घसियारी ८- चांचरी ९- बौछड़ो १०- बौ सरेला ११- छोपती १२- छपेली १३- तलवार नृत्य १४- केदारा १५- सरौं १६- घुघती १७- फोफ्ती १८- बंजारा , १९- जात्रा , २० झोड़ा २१- दूड़ा २२- बाजूबंद २३- गेंद मेला २४ - भैलो नृत्य 

ब २।    १  कुछ विशेष जातियों के १ भोटिया जाति के नृत्य -धड़िया , गनगना , पौणा , चंचरी , याक (कुल 5 ) 

ब २ , 2 कुछ विशेष क्षेत्र के नृत्य - जैसे झंझोटी , बणजारो , पेखणी , फुकन्या , बाँसुरिया नृत्य ( कुल ५ )

ब 2 .३ गोठ  वालों के नृत्य जैसे सिद्वा बिद्वा , घंटाकरण , हरचालु (कुल ४ नृत्य )

ब  ४ - किन्नरों /किरातों  के  भाभर में (पशु पक्षी आधारित ) फ्योंली , हिलांसी कफ्फू (कुल 3 ) 

ब ५ जौनसार बाबर - सयाना नृत्य , बराड़ी  नृत्य , जुड्डा , थूरा , आड़े पाड़े (५ कुल ) 

स ३ व्यवसायिक नृत्य - १ -थाली २ सरौं ३- चैती पसारा , ४- कुलाचार ५- लांग ६- शिव पार्वती ७- कृष्ण राधा , ८- नट नटी ९- दीपक , 10 सुई ,११-  सांपू १२ विविध 

कुल 93 नृत्यों गीतों की जानकारी डा नौटियाल दे चुके हैं।